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रैबीज एक वायरल संक्रमण है जो मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। यह वायरस मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों के लार के संपर्क में आने से फैलता है, जो बाद में इंसान के शरीर में प्रवेश करता है। रैबीज वायरस की उत्पत्ति एक "रैबीज वायरस" के रूप में होती है, जो तंत्रिका कोशिकाओं को संक्रमित करता है और धीरे-धीरे पूरे शरीर को प्रभावित करता है। इस संक्रमण के लक्षणों में मानसिक भ्रम, पागलपन, अत्यधिक सिहरन, शारीरिक कमजोरी, बुखार और सिरदर्द शामिल होते हैं। अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह मौत का कारण बन सकता है।
हां, कुत्ते के काटने के बिना भी रैबीज का टीका लिया जा सकता है। यह एक प्रिवेंटिव उपाय हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें किसी भी कारण से रैबीज वायरस से संक्रमित होने का खतरा होता है। रैबीज का टीका उन परिस्थितियों में भी लिया जा सकता है जहां किसी जानवर के साथ संपर्क हुआ हो, लेकिन काटने या खरोंचने की स्थिति न हो। यह टीका यह सुनिश्चित करता है कि वायरस के संपर्क में आने से पहले व्यक्ति को पर्याप्त सुरक्षा मिल सके।
कामकाजी जोखिम (Occupational Risk)
कुछ कार्यक्षेत्रों में लोगों को जानवरों के संपर्क में आने का अधिक जोखिम होता है। ऐसे मामलों में, रैबीज का टीका एक सुरक्षा उपाय के रूप में दिया जाता है। ऐसे पेशेवरों के लिए रैबीज का टीका बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। इनमें शामिल हैं:
- वेटेरिनरी डॉक्टर (Veterinarians): जो कुत्तों, बिल्लियों, और अन्य जानवरों के साथ काम करते हैं।
- जंगली जानवरों से जुड़े कार्यकर्ता (Wildlife workers): जो जंगली जानवरों के साथ काम करते हैं, जैसे कि शोधकर्ता या पार्क रेंजर।
- प्रयोगशाला कर्मी (Laboratory personnel): जो रैबीज वायरस के अध्ययन से जुड़ी प्रयोगशाला में काम करते हैं।
यह टीका उन्हें रैबीज वायरस से बचाव में मदद करता है, जो उनके पेशेवर काम के दौरान संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से हो सकता है।
यात्रा (Travel)
कुछ देशों और क्षेत्रों में रैबीज का खतरा अधिक होता है, विशेष रूप से उन स्थानों पर जहां कुत्तों और जंगली जानवरों के टीकाकरण की स्थिति ठीक नहीं होती। ऐसे क्षेत्रों में यात्रा करने वालों के लिए रैबीज का टीका लगवाना एक सुरक्षित कदम हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आप किसी अफ्रीकी, एशियाई, या दक्षिण अमेरिकी देशों में यात्रा कर रहे हैं जहां रैबीज के मामले अधिक हैं, तो यात्रा से पहले रैबीज का टीका लेना जरूरी हो सकता है।
यात्रियों को यह समझने की जरूरत है कि रैबीज का संक्रमण न केवल कुत्तों से होता है, बल्कि चमगादड़ों, बंदरों, लोमड़ी और अन्य जंगली जानवरों से भी हो सकता है। यात्रा के दौरान इन जानवरों से संपर्क होने के कारण रैबीज का जोखिम अधिक हो सकता है। इसलिए, यात्रा से पहले रैबीज का टीका एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय हो सकता है।
जंगली जानवरों से संपर्क (Wildlife Exposure)
यदि आपको जंगली जानवरों से संपर्क का खतरा है, तो रैबीज का टीका लगवाना एक सुरक्षित कदम हो सकता है। जंगली जानवर, जैसे कि चमगादड़, लोमड़ी, और अन्य छोटे जानवर, रैबीज के वाहक हो सकते हैं। कभी-कभी, ये जानवर बिना किसी स्पष्ट कारण के इंसानों से संपर्क कर सकते हैं। यदि आप जंगली जानवरों के संपर्क में आते हैं या उनका निरीक्षण करते हैं, तो रैबीज का टीका लेना जरूरी हो सकता है।
चमगादड़ों के मामले में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि ये वायरस के प्रमुख वाहक होते हैं। अगर आपको चमगादड़ के संपर्क में आने का खतरा हो, तो रैबीज का टीका एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय हो सकता है।
रेबीज के टीके के नुकसान
रेबीज का टीका सामान्यतः सुरक्षित होता है, लेकिन कुछ लोगों में मामूली दुष्प्रभाव हो सकते हैं। यह टीका बहुत प्रभावी है और गंभीर समस्याएं उत्पन्न करने का खतरा बहुत कम है। फिर भी, कुछ सामान्य दुष्प्रभाव हो सकते हैं:
- टीका लगाए गए स्थान पर सूजन या दर्द: यह एक सामान्य दुष्प्रभाव है जो कुछ समय के लिए रहता है।
- हल्का बुखार और थकान: कुछ लोगों को बुखार, सिरदर्द और थकान का अनुभव हो सकता है।
- एलर्जी प्रतिक्रिया: कुछ दुर्लभ मामलों में, एलर्जी प्रतिक्रिया हो सकती है, जैसे कि त्वचा पर चकत्ते या खुजली।
ये दुष्प्रभाव आमतौर पर हल्के होते हैं और कुछ दिनों में खुद ही ठीक हो जाते हैं। यदि किसी व्यक्ति को अधिक गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया या अन्य कोई समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
रेबीज इंजेक्शन टाइम पीरियड
रेबीज के इंजेक्शन की समयावधि और उसकी डोज़ की संख्या स्थिति पर निर्भर करती है। यदि किसी व्यक्ति को कुत्ते द्वारा काटा जाता है या संक्रमित जानवर से संपर्क होता है, तो उसे पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PEP) के तहत टीका लगाया जाता है।
यदि आपको कुत्ते के काटने या खरोंचने के बाद टीका लगवाना हो, तो यह चार से पाँच डोज़ में दिया जाता है:
- पहला डोज़: जैसे ही काटने का या लार से संपर्क का मामला होता है, तुरंत दिया जाता है।
- दूसरा डोज़: पहले डोज़ के तीन दिन बाद।
- तीसरा डोज़: सात दिन बाद।
- चौथा और पांचवां डोज़: चौथा डोज़ 14 दिन बाद और पांचवां डोज़ 28 दिन बाद दिया जाता है।
यह डोज़ टीका वायरस से संक्रमित होने के बाद शरीर को सुरक्षा प्रदान करते हैं और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करते हैं।
रेबीज वायरस कितने समय तक जिंदा रहता है?
रेबीज वायरस बाहर के वातावरण में कुछ समय तक जीवित रह सकता है, लेकिन यह वायरस किसी जानवर के लार, रक्त, या किसी संक्रमित ऊतक के संपर्क में आने के बाद ही फैलता है। यह वायरस बाहरी वातावरण में कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक जीवित रह सकता है, लेकिन इसकी अवधि बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर करती है।
जब तक वायरस किसी जीवित शरीर या संक्रमित जानवर के लार के संपर्क में होता है, तब तक यह जीवित रह सकता है। गीली, नमी वाली स्थितियों में वायरस अधिक समय तक जीवित रह सकता है।
क्या सभी कुत्तों में रैबीज होता है?
नहीं, सभी कुत्तों में रैबीज नहीं होता है। लेकिन कुत्ते इस वायरस के प्रमुख वाहक होते हैं और कई देशों में कुत्तों को रैबीज के संक्रमण से बचाने के लिए नियमित रूप से टीकाकरण किया जाता है। एक कुत्ता तभी रैबीज से संक्रमित होता है जब वह किसी ऐसे जानवर से संपर्क करता है जो पहले से संक्रमित हो। यदि कुत्ते का टीकाकरण सही समय पर किया गया हो, तो वह रैबीज से बचा रहता है।
रैबीज के मामलों की संख्या कुछ देशों में अधिक हो सकती है, जबकि कुछ अन्य देशों में कुत्तों के लिए प्रभावी टीकाकरण कार्यक्रम लागू होते हैं, जिससे कुत्तों में रैबीज का खतरा कम हो जाता है। इसलिये कुत्तों के टीकाकरण की स्थिति पर विशेष ध्यान देना जरूरी होता है।
सामान्य प्रश्न (FAQs)
क्या कुत्ते के काटने के बिना रेबीज का टीका लिया जा सकता है?
हाँ, कुत्ते के काटने के बिना भी रैबीज का टीका लिया जा सकता है। यह प्रिवेंटिव उपाय हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें किसी कारण से रैबीज वायरस से संक्रमित होने का खतरा होता है, जैसे कामकाजी जोखिम या यात्रा के दौरान।
रेबीज के टीके के नुकसान क्या हैं?
रेबीज का टीका सामान्यतः सुरक्षित होता है, लेकिन कुछ लोगों में मामूली दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे कि टीका लगाए गए स्थान पर सूजन, हल्का बुखार, थकान, या एलर्जी प्रतिक्रिया। इन दुष्प्रभावों का सामना आमतौर पर कुछ दिनों में हो सकता है और वे गंभीर नहीं होते।
रेबीज वायरस कितने समय तक जीवित रहता है?
रेबीज वायरस बाहर के वातावरण में कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक जीवित रह सकता है, लेकिन यह वायरस गीली, नमी वाली स्थितियों में अधिक समय तक जीवित रह सकता है। यह मुख्य रूप से संक्रमित जानवर के लार, रक्त, या ऊतकों से फैलता है।
क्या सभी कुत्तों में रैबीज होता है?
नहीं, सभी कुत्तों में रैबीज नहीं होता है। कुत्ते इस वायरस के वाहक हो सकते हैं, लेकिन यदि कुत्ते का टीकाकरण सही समय पर किया गया हो, तो वह रैबीज से सुरक्षित रहते हैं। कुछ देशों में कुत्तों का नियमित टीकाकरण किया जाता है, जिससे रैबीज का खतरा कम होता है।
रेबीज का टीका कितने दिनों में दिया जाता है?
रेबीज का टीका पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PEP) के तहत कुत्ते के काटने या खरोंचने के बाद 4-5 डोज़ में दिया जाता है: पहला डोज़ तुरंत, दूसरा डोज़ तीन दिन बाद, तीसरा सात दिन बाद, चौथा 14 दिन बाद, और पांचवां 28 दिन बाद।
निष्कर्ष
रैबीज एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जो संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से फैल सकती है। हालांकि, कुत्ते के काटने के बिना भी रैबीज का टीका लिया जा सकता है, विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए जिन्हें इस वायरस के संपर्क का खतरा हो। टीका न केवल आपको रैबीज वायरस से बचाता है, बल्कि समय से पहले टीका लगवाने से आपके शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली भी सक्रिय होती है।
कुत्तों के टीकाकरण की स्थिति, कामकाजी वातावरण, यात्रा, और अन्य जोखिमों को देखते हुए रैबीज का टीका लेने का निर्णय किया जा सकता है। यह टीका सुरक्षित है और इसके बहुत कम दुष्प्रभाव होते हैं। यदि आपको किसी कारण से रैबीज का टीका लिया है, तो यह सुनिश्चित करता है कि आप इस खतरनाक वायरस से सुरक्षित रहें।